छत्तीसगढ़ सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसने न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। “सड़क दुर्घटना नगदी रहित उपचार स्कीम 2025” (Cashless Treatment Scheme) के तहत, अब सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त और कैशलेस इलाज प्रदान किया जाएगा। यह योजना 5 मई 2025 से छत्तीसगढ़ में लागू हो चुकी है, और इसे लेकर सोशल मीडिया, विशेष रूप से एक्स प्लेटफॉर्म पर, लोगों ने उत्साह और सराहना व्यक्त की है। इस लेख में, हम इस योजना की विशेषताओं, इसके महत्व, और जनता की प्रतिक्रियाओं को विस्तार से समझेंगे।

छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाएं एक गंभीर समस्या रही हैं, जहां हर साल हजारों लोग हादसों का शिकार होते हैं। कई बार समय पर इलाज न मिलने या आर्थिक तंगी के कारण घायलों की जान चली जाती है। इस समस्या को संबोधित करने के लिए, केंद्र सरकार की “सड़क दुर्घटना पीड़ितों का नकदी रहित उपचार स्कीम 2025” (Cashless Treatment Scheme) को छत्तीसगढ़ सरकार ने तत्परता से लागू किया है। इस योजना के तहत, सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दुर्घटना की तारीख से सात दिनों तक आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध अस्पतालों में 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह योजना विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के लिए वरदान साबित होगी, क्योंकि अब इलाज के लिए जेब से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सभी के लिए उपलब्ध है, चाहे व्यक्ति छत्तीसगढ़ का निवासी हो या किसी अन्य राज्य का। यदि कोई व्यक्ति यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ में दुर्घटना का शिकार होता है, तो भी उसे इस योजना का लाभ मिलेगा। योजना के तहत, यदि एक ही परिवार के दो लोग घायल होते हैं, तो 3 लाख रुपये तक, और तीन लोग घायल होने पर 4.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज संभव है। यह सुविधा आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध अस्पतालों में उपलब्ध होगी, और यदि किसी अस्पताल में विशेषज्ञ या संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, तो मरीज को तुरंत दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर इस योजना को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं बेहद सकारात्मक रही हैं। एक्स पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पोस्ट किया, “सुशासन सरकार का संकल्प, सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मिले त्वरित, कैशलेस और निःशुल्क इलाज। भारत सरकार की ‘सड़क दुर्घटना पीड़ितों का नकदी रहित उपचार स्कीम 2025’ को हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में भी लागू कर दिया है।” इसी तरह, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने लिखा, “यह योजना सभी वर्गों के लिए जीवन रक्षक साबित होगी।” कई यूजर्स ने इसे जनकल्याणकारी कदम बताते हुए सरकार की तारीफ की। एक यूजर ने लिखा, “छत्तीसगढ़ सरकार ने आदेश जारी किया है कि यदि सड़क दुर्घटना में कोई घायल होता है तो 1,50,000 तक का कैशलेस (Cashless Treatment Scheme) इलाज हर अस्पताल में होगा।” यह दिखाता है कि लोग इस योजना को एक मानवीय और प्रभावी पहल मान रहे हैं।

योजना का उद्देश्य “गोल्डन आवर” में घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करना है, क्योंकि सड़क दुर्घटनाओं में पहला घंटा सबसे महत्वपूर्ण होता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में देशभर में 4.80 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1.72 लाख लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें से कई की जान समय पर इलाज न मिलने के कारण गई। छत्तीसगढ़ में इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) और राज्य सड़क सुरक्षा परिषद को सौंपी गई है। सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे घायलों को तुरंत नजदीकी सूचीबद्ध अस्पताल पहुंचाएं और योजना का कड़ाई से पालन करें।

इस योजना में कुछ अतिरिक्त प्रावधान भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, यदि मरीज को गैर-सूचीबद्ध अस्पताल में ले जाया जाता है, तो वहां केवल प्राथमिक उपचार (स्थिरीकरण) का खर्च वहन किया जाएगा। इसके अलावा, हिट-एंड-रन मामलों में मृतक के परिवार को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। यह योजना न केवल घायलों की जान बचाएगी, बल्कि समाज में सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी करेगी। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को 25,000 रुपये तक का पुरस्कार और मान्यता प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल को लागू करने में त्वरित कार्रवाई की सराहना हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 13 मई 2025 को केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे कि यह योजना केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि जमीन पर प्रभावी ढंग से लागू हो। कोर्ट ने अगस्त 2025 तक योजना के कार्यान्वयन की रिपोर्ट मांगी है, जिसमें लाभार्थियों की संख्या और प्रचार के विवरण शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ में इस योजना को लागू करने के लिए डिजिटल प्रणालियों का उपयोग किया जा रहा है, जो दुर्घटना की सूचना (Cashless Treatment Scheme) से लेकर इलाज और भुगतान प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगी।

यह योजना छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में विशेष रूप से प्रभावी होगी, जहां चिकित्सा सुविधाएं सीमित हैं। स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा, “हम ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा केंद्रों को भी इस योजना में शामिल करेंगे, ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।” यह कदम न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि लोगों के बीच मानवीयता और सामाजिक जिम्मेदारी को भी प्रोत्साहित करेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार की “सड़क दुर्घटना नगदी रहित उपचार स्कीम 2025” (Cashless Treatment Scheme) एक ऐसी पहल है, जो जीवन रक्षा के साथ-साथ आर्थिक बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सोशल मीडिया पर लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं और सरकार की त्वरित कार्रवाई इस योजना की सफलता की नींव रख रही हैं। यदि आप इस योजना के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं या इसका लाभ उठाना चाहते हैं, तो नजदीकी आयुष्मान अस्पताल या संबंधित सरकारी हेल्पलाइन से संपर्क करें। इस योजना को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए इसे शेयर करें और सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद में योगदान दें।
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